भारतीय रेलवे: ऑटोमोबाइल परिवहन में 60 फीसदी वृद्धि दर्ज की

Sabal Singh Bhati
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नई दिल्ली, 9 मार्च ()। वाहनों की ढुलाई से रेलवे रिकॉर्ड तोड़ कमाई कर रहा है। भारतीय रेलवे ने पिछले एक साल में ऑटोमोबाइल यातायात में 60 फीसदी वृद्धि की है।

परिवहन का एक स्वच्छ माध्यम होने के कारण, रेलवे न केवल ऑटोमोबाइल उद्योग को बड़ी संख्या में वाहनों को लंबी दूरी तक के परिवहन में मदद करता है, बल्कि इन्हें कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का भी अवसर देता है। हाल के दिनों में भारतीय रेलवे में ऑटोमोबाइल यातायात में तेज वृद्धि देखी गई है। ऑटोमोबाइल यातायात में यह वृद्धि विभिन्न पहलों का परिणाम है, जैसे निजी स्वामित्व वाले विशेष वैगनों की उपलब्धता।

वहीं सोसाइटी फॉर इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्च र्स (एसआईएएम) सहित ऑटोमोबाइल उद्योग से जुड़े हितधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों के आधार पर, वाहन किराया ट्रेन संचालक (एएफटीओ) नीति को समय-समय पर उदार बनाया गया है। यह ऑटोमोबाइल निमार्ताओं को उनकी जरूरतों के अनुरूप विशेष वैगनों के मालिक होने की अनुमति देता है।

इसके साथ ही एसयूवी कारों के परिवहन की सुविधा के लिए, मौजूदा बीसीएसीबीएम वैगनों के अलावा आरडीएसओ में ऑटो-कैरियर वैगनों के नए डिजाइन भी तैयार किए गए हैं।

भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2022-23 में 1 अप्रैल से 28 फरवरी तक 5,015 रेक लोड करके 69 फीसदी की वृद्धि हासिल करते हुए, ऑटोमोबाइल परिवहन में वृद्धि जारी रखी है। रेलवे के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान 2966 रेक का लदान किया गया और वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक 5015 रेकों का लदान किया जा चुका है।

इससे पहले वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भी भारतीय रेलवे ने बीते आठ वर्षों के दौरान छोटी यात्री कारों के घरेलू परिवहन में 10 गुना से अधिक की वृद्धि के साथ ऑटोमोबाइल यातायात में वृद्धि दर्ज की थी। वित्त वर्ष 2021-22 में रेलवे ने यात्री कारों से लदे 3,344 रेक चलाए थे।

पीटीके/

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times