नई दिल्ली। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए चौथे टी20 मुकाबले में एक अनोखा और विवादित पल देखने को मिला, जब हर्षित राणा ने कन्कशन सब्स्टीट्यूट के तौर पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया। इससे पहले शिवम दुबे ने 34 गेंदों में 53 रन की शानदार पारी खेली, लेकिन सिर पर चोट लगने के कारण उन्हें प्लेइंग इलेवन से बाहर कर दिया गया। उनकी जगह तेज गेंदबाज हर्षित राणा को मौका मिला, जिन्होंने आते ही 3 विकेट झटककर इंग्लैंड के बल्लेबाजों पर कहर बरपा दिया। हालांकि, इस बदलाव को लेकर क्रिकेट विशेषज्ञों के बीच बहस छिड़ गई।
भारत की पारी के आखिरी ओवर में इंग्लैंड के तेज गेंदबाज जेमी ओवरटन की बाउंसर शिवम दुबे के हेलमेट पर लगी। मैदान पर मौजूद फिजियो ने उनकी जांच की और उन्हें बैटिंग जारी रखने की अनुमति दी। शिवम दुबे ने इसके बाद दो गेंदें और खेलीं, लेकिन जब भारतीय टीम फील्डिंग के लिए मैदान पर उतरी, तो वह टीम के साथ नहीं आए। इसके बाद मेडिकल टीम ने दुबे की दोबारा जांच की और डॉक्टरों ने उन्हें मैदान से बाहर रहने की सलाह दी, जिससे भारत को कन्कशन सब्स्टीट्यूट का उपयोग करना पड़ा।
क्या है कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम?
ICC ने 1 जुलाई 2019 से इस नियम को लागू किया था। इसके तहत अगर किसी खिलाड़ी को सिर, गर्दन या चेहरे पर चोट लगती है, जिससे उसके मानसिक संतुलन पर असर पड़ता है, तो उसे दूसरे खिलाड़ी से बदला जा सकता है। हालांकि, यह ‘लाइक-फॉर-लाइक’ रिप्लेसमेंट होना चाहिए, यानी बल्लेबाज के स्थान पर बल्लेबाज, गेंदबाज के स्थान पर गेंदबाज और ऑलराउंडर के स्थान पर ऑलराउंडर ही टीम में शामिल किया जा सकता है।
हर्षित राणा का चौंकाने वाला डेब्यू और शानदार प्रदर्शन
शिवम दुबे के स्थान पर कन्कशन सब्स्टीट्यूट के रूप में भारत ने तेज गेंदबाज हर्षित राणा को उतारा। क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना था कि रामंदीप सिंह बेहतर विकल्प होते, क्योंकि वह एक ऑलराउंडर हैं और उनकी भूमिका शिवम दुबे से मिलती-जुलती है। लेकिन रेफरी की मंजूरी के बाद हर्षित राणा को टीम में शामिल किया गया।
क्या भारत को हुआ फायदा?
यह बदलाव भारत के लिए फायदेमंद साबित हुआ, क्योंकि हर्षित राणा ने आते ही 4 ओवर में 33 रन देकर 3 महत्वपूर्ण विकेट लिए और इंग्लैंड की बल्लेबाजी को ध्वस्त कर दिया। इस प्रदर्शन ने भारत को 15 रनों से जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘लाइक-फॉर-लाइक’ रिप्लेसमेंट को लेकर विवाद
हर्षित राणा की एंट्री के बाद क्रिकेट जगत में इस फैसले को लेकर कई प्रतिक्रियाएं आईं।
- आकाश चोपड़ा ने कहा कि हर्षित राणा, शिवम दुबे के रिप्लेसमेंट सही नहीं थे। उन्होंने कहा कि रामंदीप सिंह एक सही विकल्प होते, क्योंकि वह भी ऑलराउंडर हैं और तेज गेंदबाजी भी करते हैं।
- हर्षा भोगले ने भी इस बात का समर्थन किया कि शिवम दुबे की जगह ऑलराउंडर को ही चुना जाना चाहिए था।
- रवि शास्त्री ने इस पर मजाकिया अंदाज में कहा कि दोनों की कद-काठी एक जैसी है, इसलिए उन्हें रिप्लेसमेंट मान सकते हैं।
भारत की जीत में हर्षित राणा और शिवम दुबे की अहम भूमिका
विवाद के बावजूद, हर्षित राणा ने अपने पहले ही टी20 मैच में शानदार प्रदर्शन कर सभी का दिल जीत लिया। उनके अलावा, रवि बिश्नोई ने भी 3 विकेट झटके, जबकि वरुण चक्रवर्ती ने 2 विकेट लिए। अर्शदीप सिंह और अक्षर पटेल को 1-1 विकेट मिला। भारत ने इंग्लैंड को 15 रन से हराकर 5 मैचों की सीरीज में 3-1 की बढ़त बना ली।
क्या कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम में बदलाव की जरूरत है?
इस मुकाबले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या कन्कशन सब्स्टीट्यूट नियम में बदलाव की जरूरत है? जहां यह नियम खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए बेहद जरूरी है, वहीं अगर इसका सही तरीके से पालन नहीं किया जाता तो यह किसी टीम को अतिरिक्त फायदा भी पहुंचा सकता है।
हर्षित राणा का यादगार डेब्यू और जारी रहेगा विवाद
हर्षित राणा का डेब्यू निश्चित रूप से भारतीय क्रिकेट के सबसे यादगार और विवादास्पद डेब्यू में से एक रहेगा। उनका मैच में अचानक आना और 3 विकेट लेना किसी सपने से कम नहीं था। हालांकि, यह बहस आगे भी जारी रहेगी कि क्या भारत को इस फैसले से अतिरिक्त फायदा मिला? फिलहाल, इस मुकाबले से भारत की सीरीज जीतने की संभावनाएं और मजबूत हो गई हैं, और हर्षित राणा का नाम क्रिकेट प्रेमियों की जुबान पर छा गया है।
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