पूर्व न्यायाधीश की पेंशन लोकपाल के वेतन से नहीं काटी जा सकती : केरल हाईकोर्ट

Sabal Singh Bhati
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कोच्चि, 17 जनवरी ()। केरल हाइकोर्ट के एक सेवानिवृत्त न्यायाधीश, जिन्हें लोकपाल के रूप में नियुक्त किया गया था, की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने फैसला सुनाया कि उनकी पेंशन बाद उन्हें मिले पद के लिए मिल रहे वेतन से नहीं काटी जानी चाहिए।

न्यायमूर्ति के.के. डेनेसन (सेवानिवृत्त) ने इस मामले में अदालत के हस्तक्षेप की मांग की और न्यायमूर्ति अनु शिवरामन की एक पीठ ने फैसला सुनाया कि पंचायत राज अधिनियम और स्थानीय स्वशासन संस्थानों के लिए लोकपाल (शिकायत और सेवा शर्तो की जांच नियम, 1999 के प्रावधान काफी स्पष्ट हैं) जितना प्रावधान विशेष रूप से प्रदान करता है कि लोकपाल के रूप में नियुक्त व्यक्ति हाईकोर्ट के न्यायाधीश के बराबर वेतन और भत्ते का हकदार होगा।

पीठ ने कहा, अधिनियम या नियम, बेशक किसी भी कटौती के लिए प्रदान नहीं करते हैं।

न्यायमूर्ति डेनेसन (सेवानिवृत्त) को 1 दिसंबर, 2017 को केरल पंचायत राज अधिनियम और नियमों के तहत लोकपाल के रूप में नियुक्त किया गया था और 21 दिसंबर, 2020 तक सेवा की।

अदालत ने आदेश दिया, उचित आदेश इस फैसले की प्रति प्राप्त होने की तारीख से एक महीने की अवधि के भीतर पारित किया जाएगा। याचिकाकर्ता को उसके बकाये का भुगतान भी बिना देरी के तीन महीने की अवधि के भीतर किया जाएगा।

एसजीके/एएनएम

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Sabal Singh Bhati is CEO and chief editor of Niharika Times