जैसलमेर। जिले के आरएसएमएम ट्रक यूनियन ने बैठक कर आरएसएमएम माइंस सोनू जैसलमेर में आगामी टेंडर की ढुलाई दरों को निरस्त कर दुबारी उचित ढुलाई दरों पर टेण्डर प्रक्रिया जारी करवाने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन प्रेषित किया।
ज्ञापन में बताया कि आरएसएमएम विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया को बिना किसी अनुभव एवं बिना सोचे समझे इस प्रकार रिटर्न निकाल देते है जिस कार्य को करना संभव नहीं है आज से दो वर्ष पूर्व आर. एस. एम. एम. की रेट 134.50 थी। स्थानीय सोनू माईन्स युनियन के ट्रकों से प्लेट फार्म तक परिहवन रेट इस प्रकार थी 1. नम्बर खादान से 73 /- प्रतिटन 2. नम्बर खादान से 63/- प्रतिटन किया जा रहा था।
वर्तमान में 97 / -आरएसएस्एन पर टेण्डर प्रक्रिया खोली गई है जो कि बहुत ही कम है जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार की दर की कमी की गई है।
टेण्डर प्रक्रिया खोलने से पहले स्थानीय लोगों ने आरएसएमएम विभाग, प्रशासनिक विभाग व मिडिया को भी सूचित किया था 10/ बढ़ोतरी कर टैण्डर प्रक्रिया खोली जावे। व 15/- प्रतिटन के हिसाब से वर्तमान में टेण्डर प्रक्रिया से रेल्वे विभाग व राजस्व को (चार ) करोड़ का प्रति दिन नुकसान हो रहा है और स्थानीय लोगों को 75 लाख का प्रतिमाह का नुकसान हो रहा है।
आरएसएसएम विभाग एवं ठेकेदार की मिलीभगत से टेण्डर प्रक्रिया जारी करते हैं जिससे स्थानीय लोगों को व 400 ट्रको को नुकसान हो रहा है जिससे लेकर स्थानीय लोगों में आक्रोश है।

पूर्व की भांति में भी ठेकेदार अपनी मनमानी चलाते आ रहे है। वर्तमान में महंगाई दर बहुत बढी हुई होने के बावजूद विभाग द्वारा टेण्डर प्रक्रिया कम रेट में जारी कर देते है जिससे स्थानीय लोगों को अर्थिक व मानसिक परेशानिया होती रहती है।
आरएसएमएम अधिकारियों द्वारा माईन्स को फेल करने के चक्कर में टेण्डर प्रक्रिया कम रेट में जारी कर देते है। अधिकारी माईन्स को बन्द करना चाहते है। वे लाखों लोगों को बेरोजगार करना चाहते है। स्थानीय लोगों को उचित ढुलाई दर नहीं देने पर स्थानीय लोग लामबन्द आक्रोशित होकर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होगें जिसकी समस्त जिम्मेदारी आर.एस.एम. एम. विभाग की होगी।
ट्रक यूनियन अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह रामगढ़ ने बताया कि बैठक कर फैसला लिया कि आने वाले दिनों में आरएसएमएम में ठेकेदार ढुलाई का काम शुरू करेगा। मगर हमारे ट्रक नहीं चलेंगे। पहले वो पुरानी रेट से 15 से 20 रुपए प्रति टन बढ़ाएगा तो ही हम चलेंगे अन्यथा नहीं।
जैसलमेर 400 ट्रक खड़े हैं।

उन्होंने बताया कि 2 साल पहले ठेकेदार ने प्रति टन माल ढुलाई के जो रेट तय किए थे वो 63 रुपए प्रति टन दिया जा रहा था व क्रेशर से 71 रुपए प्रति टन दिया जा रहा था। वो आज के हालात में बिल्कुल भी मान्य नहीं हैं। वर्तमान में मंहगाई के हिसाब से हम चाहते हैं कि प्रति टन 15 से 20 रुपए बढ़ाने चाहिएं। हम नए ठेकेदार के सामने बढ़ी हुई दरों के हिसाब से प्रति टन मांग रखेंगे। सभी यूनियन के सदस्यों ने इस बात का समर्थन किया।
रिपोर्ट – लाल सिंह सोलंकी